बुधवार, 10 जून 2015

पुन: घर बसेगा?

घर गिरा है कोई
निखर आया है भूमा का एक टुकड़ा
पियराया जैसे पहली वर्षा में निकला बेंग
अबेर उगी दूब लटजीरे की लघु छाँव 
झिंगुर ने लिया नया वास
ऋतुविरुद्ध टेरता हर रात
अगोरता नये सहवास को
बरसेगा नेह मेह
पुन: घर बसेगा?    

3 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. भूमा = भूमि/धरती
      पियराया = पीला हो गया
      बेंग = मेढक
      अबेर = देर से
      लटजीरा = एक घासनुमा पौधा
      अगोरता = प्रतीक्षा करता
      नेह मेह = स्नेह भरा बादल

      हटाएं

कृपया विषय से सम्बन्धित टिप्पणी करें और सभ्याचरण बनाये रखें। प्रचार के उद्देश्य से की गयी या व्यापार सम्बन्धित टिप्पणियाँ स्वत: स्पैम में चली जाती हैं, जिनका उद्धार सम्भव नहीं। अग्रिम धन्यवाद।