रविवार, 20 मार्च 2016

रे छिनरो पँचगोंइठी दे ...

(1)
पसियाने में जंग छिड़ी, बोतल ठर्रा पानी मेल 
पंडिताइन के नसा चढ़ल, लाइन लगि के ठेलम ठेल 
केलि तजो जनि नासो भतार 
मतवा बुजरो गोंइठी दे 
पँचगोंइठी दे 
सर र र र र

(2)
ठकुराइन की मौज बड़ी, दूना जोबन दूना जोग
चमइन चाँपे सँइया बाहर, घर करती पंडित का भोग
अरे खोलs दुवार तनि झाँकs सिवान
छिनरो जल्दी गोंइठी दे
पँचगोंइठी दे
सर र र र र 

(3)
साहुन सब कर तेल निकालें, सँइया है तेली का बैल 

खुसकी मचती जब जब भीतर, जुगल किनारे जाते फैल
लहँगा सँभारs तनि नाचs दुवार 
तेलिन सोगहो गोंइठी दे 
पँचगोंइठी दे 
सर र र र र 

(4)
राम राम बोल तोर जोबना हराम

खोल दे दुवार तोर बलमा खराब
जरि जा जोगाड़ तोर जोबना पहाड़
तुरकिन छिनरो गोंइठी दे
पँचगोंइठी दे
सर र र र र 

(5)
नाम सुना जो बहुत बड़ा, नाम रहा तछसिल्ला 

बिकरम राजा बड़े बहादुर, उनकर बिकरमसिल्ला 
नालन्दा थी बहुत सयानी, बिद्या की रजधानी 
अब तो हैं जानू जनखा, गद्दारी चमकानी 
पहिर निरोधा भोगे बरखा, कान्ह तजो शैतानी
गाँड़ लगेंगे उमर खलीफा, नहीं मिलेगा पानी
राधारानी गोंइठी दे

बोल कबीरा सर र र र र